गोवंश की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही उनके भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है।

Barabanki ग्रामीण/शहरी क्षेत्र में गौवंश आश्रय स्थल संचालित है, जिनमें क्षेत्र के बेसहारा/निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया गया है, परन्तु यह देखा जा रहा है कि क्षेत्रीय पशुपालकों द्वारा अपने पालतू गोवंशीय पशुओं को छोड़ दिया जाता है, जिससे अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों पर दिन प्रतिदिन गोवंश की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही उनके भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी डाॅ0आदर्श सिंह द्वारा पालतू पशुओं को छुट्टा छोड़ने वाले पशुपालकों के विरूद्ध  कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। समस्त खण्ड विकास अधिकारी प्रत्येक गौशाला में एक-एक शेड का निर्माण का कार्य तत्काल पूरा कराकर अवगत करें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा डीसी मनरेगा द्वारा प्रतिदिन गौशालाओं का निरीक्षण किया जायेगा। समस्त संसाधनों का उपयोग किया जाये। संचालन समिति व मनरेगा का बोर्ड लगाकर बोर्ड पर मोबाइल नम्बर अंकित कराया जाये। गौ आश्रय स्थल पर नर व मादा पशु अलग है तो दोनों के लिए अलग-अलग तालाबों की स्थिति की जानकारी ली। गांव अमरई गौशाला में बनी खाई की स्थिति पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए बीडीओ को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिये गये कि खाई को तत्काल ठीक कराया जाये, जिससे कि पशु गौ आश्रय स्थल से बाहर न निकल सके। अमरई गांव की गौशाला में 240 गोवंश है। 
विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी डाॅ0आदर्श सिंह की अध्यक्षता में गौ आश्रय स्थलों के निर्माण/उनके संरक्षण, पशुओं का टीकाकरण, पशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं, दुग्ध उत्पादन, कौशल विकास मिशन की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन गौ आश्रय स्थलों पर नर व मादा पशु अलग-अलग है, वहाॅ पर पशुओं के पानी हेतु तालाब भी अलग होना अनिवार्य है। समस्त तहसील के समस्त ब्लाकों के अन्तर्गत स्थापित गौ आश्रय स्थलों पर एक-एक शेड का निर्माण का कार्य पूरा किया जाये। समस्त बीडीओ द्वारा प्रत्येक गौशाला में शेड का कार्य प्रारम्भ करते हुए एक-एक फोटोग्राफ्स तत्काल उपलब्ध करायेंगे। दस दिनों में शेड का कार्य प्रत्येक दशा में पूरा किया जाये। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट पर निर्देश दिया कि जिन गौ आश्रय स्थलों पर 70 से ज्यादा पशु है वहाॅ पर वर्मी कम्पोस्ट का प्लांट अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने कहा कि कैसे इम्पाॅरटेंस समझ में आयेगी आप लोगों को....। सभी को साथ लग कर कार्य को पूरा करें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा डीसी मनरेगा द्वारा प्रतिदिन गौशालाओं का निरीक्षण किया जायेगा। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जनसहयोग से प्राप्त धनराशि की रिपोर्ट प्रतिदिन प्रस्तुत करेंगे। निराश्रित पशुओं के चूनी, चोकर, सरसों की खली, भूसा, नमक आदि की व्यवस्था को पूरा रखा जाये। जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त कर्मचारियों से अपील की कि अपनी स्वेच्छा से गोवंश के भरण पोषण के लिए सहयोग कर सकते है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार, आईटीआई प्रधानाचार्य, समस्त खण्ड विकास अधिकारी सहित सम्बन्धित सभी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।