बाराबंकी। प्रदेश की योगी सरकार के लाख प्रयासो के बाद भी बाराबंकी जिले के सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र बनीकोडर में मरीजो को सरकारी सुबिधाये नही मिल पा रही है।
गौरतलब हो कि क्षेत्र के समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनीकोडर अंतर्गत सरकार द्वारा दी जा रही सुबिधाये मात्र कागजो पर ही मिल रही है । पूरा अस्पताल गन्दगी की चपेट में है जबकि साफ सफाई पर उस हॉस्पिटल को सरकार की तरफ से पुरुस्कार स्वरूप नगद धनराशि भी मिल चुकी है। कहने को तीस शैय्या वाला अस्पताल है परंतु सुबिधाओं के नाम पर कुछ भी नही है। ऑपरेशन रूम में भी गन्दगी बनी हुई है तथा बेड़ो पर चादर भी मरीजो को नसीब नही होती अगर कोई मरीज गंदगी व दवा आदि के सम्बंध में शिकायत किया तो उसे तरह तरह की धमकियों का सामना करना पड़ता है। एफआरयु दर्जा प्राप्त सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र बनीकोडर के ओपीडी के मरीजो की संख्या लगभग रोज सौ से दो सौ अपनी विभिन्न मर्जों से सम्बंधित लोग इस हॉस्पिटल में आते है तथा प्रसव पीड़ित महिलाओं को भी सुबिधाये सुचारू रूप से नही मिल पाती इस लिए यहां के बजाय तहसील के सामने एक एएनएम के यहां प्रसव कराया जाता है ।
आयुष्मान भारत के लिए चयनियत सीएचसी में सुविधाएं नदारद
मोदी सरकार द्वारा गरीबो को मुफ्त इलाज के लिए इस अस्पताल का चयन आयुष्मान भारत में भी किया गया है। लेकिन अस्पताल में सुबिधाये नदारद है। मंगलवार की दोपहर तक महिला वार्ड में ताला लगा था।महिला और पुरुष वार्ड में झडू पोछा नही लगा था वार्ड में गन्दगी बनी हुई थी। पुरुष वार्ड के बेड में तीन बेड पर गद्दे पड़े हुए थे परन्त उन पर चादर नहीं थी। और एक मरीज मात्र बिना चादर के उसी पर मरीज लेटा हुआ था तथा अस्पताल के पश्चिमी गेट की दाहिनी ओर काफी कूड़ा कचरा का ढेर लगा हुआ टीवी वार्ड के ठीक सामने गंदगी ही गन्दगी नजर आई। पेयजल की सुविधा यहां से नदारद हो गई इमरजेंसी वार्ड के सामने पान व गुटखा की दीवारों पर छींटे बनी हुई तथा इसके पीछे भी कूड़ा कचरा पूरी तरह कायम था। अस्पताल में दो चिकित्सक एक महिला एक पुरुष के अतिरिक्त अस्पताल में दूरदराज से आने वाले मरीजों को देखने वाले चिकित्सक एक भी नहीं मिले डॉक्टर रईस खान के पास क्षेत्रीय मरीजों की एक लंबी भीड़ देखी गई और वही महिला मरीजों की महिला डॉक्टर नगमा के रूम में पाई गई। जो महिलाओं को देख रही थी इस अस्पताल में पश्चिमी गेट के निकास पर फर्श पूरी तरह जमीन में धंस गई जिससे एक बड़ा सा गड्ढा गेट पर बना हुआ है और अब तक कई लोग उसमें गिरकर चोटिल हो चुके हैं फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इसकी मरम्मत ना कराया जाना इस बात को साबित करता है की साफ सफाई के नाम पर व मरीजो को बेहतर सुबिधाये मात्र कागजी कोरम पूरा करके यहां के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा सरकार व उच्च अधिकारी की नजर में वाहवाही लेकर जमे हुए है।
स्वच्छ पीने के पानी की भी किल्लत मरीजों पर पड़ रही भारी
मरीजो को पीने के पानी की अस्पताल के अंदर एक भयंकर किल्लत बनी हुई है इंडिया मार्का तथा एक प्राइवेट हैैण्ड नल को व्यक्तिगत बजट से पैसा लगाकर हैण्डपम्प लगवाया इस समय खराब पड़े हुए हैं पीने के पानी के मरीज व परिजनों की निरंतर बनी हुई है। हॉस्पिटल के अंदर लगे पंखे नही चल रहें भीषण गर्मी मरीज पसीना पसीना हो रहे है।मरीजों के तीमारदार ओपीडी में डॉ0 को दिखाने पहुचे मरीजो को जमीन पर बैठना पड़ रहा है। बीमारी से निजात पाने की चाहत रखने वाले मरीज और उनके तीमार दारो के बैठने के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नही है। पीने के लिए लगे 20 लीटर के आरओ में पानी नही रहता। परिसर में लगा एक इण्डिया मार्क हेण्डपम्प पीने लायक पानी नही दे रहा।
सुविधाओ का भी सीएचसी में रहता है टोटा
प्रसव के लिए आने वाले प्रसूताओं को मिलने वाली सुबिधा का आभाव है। बेड पर गद्दा नही। गद्दा है तो चादर नहीं। स्टाफ नर्स अक्सर गायब रहती है।चिकत्सको के निजी स्टाफ के कर्मी अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजो को इंजेक्शन लगा रहे तो वहीं अस्पताल के पास खुले मेडिकल स्टोर के गुर्गे प्रत्येक डाक्टर के ईद गिर्द लगे रहते हैं। जैसे बाहर की दवा लिखी जाती हैं फिर वह अपनी तय शुदा दुकानों को पकड़ ले जाते हैं।इस सम्बन्ध में कर्मियों ने बताया की लम्बे समय से अधीक्षक जमे होने के कारण यह स्थित बनी हुई है।
स्वच्छता के नाम पर लाखों डकार गए जिम्मेदार
साफ सफाई के नाम पर दो बार एक एक लाख रुपया सरकार द्वारा मिला है किन्तु उस मिले धनराशि का कहा खर्च हुआ यह इस हॉस्पिटल में दिखाई नही पड़ रहा । स्वास्थ्य विभाग की कायम भ्रष्टाचार पर चंद चहेते भ्रष्ट पत्रकारों की छत्रछाया भ्रष्टाचार में डूबे इन जिम्मेदार अधिकारियों की खबर सुर्खियों में चलते ही निष्पक्ष पत्रकारों के समाचार प्रकाशन से आक्रोशित आरोपी द्वारा धमकी देने का सिलसिला जारी हो गया। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस हॉस्पिटल पर शिकंजा कसते हैं या फिर योगी सरकार में भ्रष्टाचार कायम मुकाम बना रहता है।
जनता का मानना है कि सीएचसी बनीकोडर में भ्रष्टाचार पूरी तरह कायम है। किसी भी पीड़ित मरीज से यह नहीं पूछा जाता दवा लेने का पैसा है या नहीं उन्हें सीधे बाहर की पर्ची बनाई जाती है। जबकि सरकार करोड़ों की दवा इन्हें इस बिना पर मुहैया करा रही है कि गरीब असहाय व्यक्तियों को दवाइयां बाहर से न लिखकर उन्हें अस्पताल से मुहैया करवाई जाए। फिर भी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा सभी मरीजों की बाहर की दवाइयां लिखे जाने का क्रम लगातार बाहर की दवाईयों में मिलने वाली रकम के चक्कर में अभी भी लगातार चल रहा है ।
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