कर्नाटक में राजनीतिक संकट को लेकर रोजाना तरह-तरह की खबरें सामने आती रहती है। कभी सत्ता पर काबिज कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के बीच जारी मनमुटाव देखने को मिलता है। तो कभी भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगता है। शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के नेता एचडी देवगौड़ा ने ऐसा बयान दिया जिससे कि यह साफ हो गया कि गठबंधन पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उन्होंने राज्य में मध्यवधि चुनाव की आंशका जाहिर की। हालांकि अपने पूर्व के बयान से वह कुछ देर में ही पलट गए और कहा कि राज्य में अगले चार साल तक सरकार कायम रहेगी। एचडी देवगौड़ा ने बंगलूरू में पहले राज्य में मध्यावधि चुनाव की आशंका जताई। उन्होंने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि वह पांच सालों तक हमारा समर्थन करेंगे लेकिन अब उनके व्यवहार को देखिए। हमारे लोग स्मार्ट हैं।' देवगौड़ा ने कहा, 'मैंने नहीं कहा था कि यह गठबंधन होना चाहिए। मैं आज भी कह रहा हूं और कल भी कहूंगा। कांग्रेस हमारे पास आई और कहा कि चाहे जो हो जाए आपका बेटा मुख्यमंत्री बनेगा। उस समय मैं यह नहीं जानता था कि उनके सभी नेताओं के बीच सहमति थी या नहीं। लगता है कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने अपनी ताकत खो दी है।' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी तरफ से कोई खतरा नही है। मुझे नहीं पता कि यह सरकार कब तक टिकी रहेगी। सरकार का टिके रहना कुमारस्वामी नहीं बल्कि कांग्रेस के हाथ में है। हमने अपनी एक जगह भी कैबिनेट में उन्हें दे दी है। जैसा उन्होंने कहा हमने वह सब किया। कांग्रेस का बर्ताव किस तरह का है इसे जनता देख रही है।' उन्होंने कर्नाटक में गठबंधन को लेकर अहम खुलासा किया। देवगौड़ा ने कहा कि वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मैं गठबंधन के लिए गोंद की तरह था। राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कीर्ति आजाद और अशोक गहलोत को बंगलूरू भेजा था। जहां हम तीनों ने बैठक की। जेडीएस नेता ने कहा, 'इसके बाद सिद्धारमैया, खड़गे, मुनियप्पा और परमेश्वर आए। मैंने उनके सामने कहा कि खड़गे को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। इसपर खड़गे ने कहा कि यदि कांग्रेस हाईकमान राजी होती है तो मैं इसके लिए तैयार हूं। इसके बाद मैंने आजाद से फोन लेकर राहुल से कहा कि खड़गे को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। आजाद ने बताया कि कांग्रेस हाईकमान कुमारस्वामी को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। मैंने उनकी बात मानी और घर चला गया।' हालांकि बाद में अपने बयान से उलट उन्होंने कहा, 'मैंने वह स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए कहा था विधानसभा चुनाव के लिए नहीं। मैं यहां अपनी पार्टी को बनाने के लिए आया हूं। जैसा कि कुमारस्वामी ने जिक्र किया सरकार अगले चार सालों तक कायम रहेगी। कांग्रेस और जेडीएस के बीच यह सहमति बनी हुई है।' वैसे यह पहली बार नहीं है जब राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना जताई गई है। इससे पहले भाजपा के कर्नाटक अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी समय से पूर्व चुनाव होने की बात कही थी। राज्य में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन मिलकर सरकार चला रहे हैं। कई बार इस सरकार के अस्थिर होने की खबरें आती रहती हैं। जिसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इससे पहले 20 जून को देवगौड़ा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करके कहा कि वह कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीयू गठबंधन सरकार को लेकर दोनों पार्टियों के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों से आहत हैं।
संकट में कुमारस्वामी सरकार? कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव की बात से पलटे देवगौड़ा