नाला सफाई के नाम पर लाखों रूपए अंदर, गंदगी जस की तस

बाराबंकी। जिस जमुरिया नाला के नाम पर करोड़ो रूपए अब तक सरकार सौदर्यीकरण के नाम पर खर्च कर चुकी है। अभी हाल ही में लोगों के बताए अनुसार इसकी सफाई के नाम पर भी  करीब 42 लाख से ज्यादा की रकम भी खर्च हो चुकी है लेकिन जमुरिया में गंदगी जस की तस ही नजर आ रही है। कहीं- पर छोड़ छोड़कर सफाई नाले किनारे से ही कचरा निकाल कर  सफाई हो रही है। जिसके विरोध में प्राप्त जानकारी अनुसार नगर पालिका के कुछ सभासदों ने ही मोर्चा खोल दिया है। 
नगर पालिका परिषद नवाबगंज के चंद सभासदों की मानें तो शहर के मुख्य बड़े जमुरिया नाले की सफाई के नाम पर बाढ़ खण्ड के जिम्मेदार अधिकारी लाखों रूपए खर्चा दिखाने के बाद सिर्फ नाले के किनारे साफ करवा कर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे है। जबकि पूरा नाला पॉलीथिन और जलकुंभी से पटा पड़ा है और कहीं भी नाला साफ नजर नहीं आता हर जगह इसके बगल से उठती बदबू जनपदवासियों के लिए परेशानी का सबब अबभी बनी हुई है। जबकि पहले जब इसके किनारों पर कोई कब्जा नहीं था व सौदर्यीकरण के नाम पर इसकी चैड़ाई को कम नहीं कर दिया गया था तब इसमें भारी तादात में मछलियां भी पाई जाती थी व घोसियाने की बच्चे भी इसमे नहा लेते थे लेकिन बीते दो दशकों से यह मात्र जहरीले पानी का श्रोत्र बनकर रह गया है। जिसके चलते पिछले कई सालों से लगातार जमुरिया नाले में बाढ़ आ रही है और आस पास के रिहायशी इलाकों मे जलभराव हो जाता है । ऐसे में जब तक नाले को गहरायी से साफ नही किया जाएगा तब तक आम जनता को इस समस्या से निजात नही मिलेगी