नई दिल्ली 24 जून:- मैंथा के किसानों से सरकार दो जगह कर वसूल कर रही हैं, पहला मैंथा पर मण्डी शुल्क वसूला जाता हैं क्योंकि यह कृषि उत्पाद हैं, दूसरा मैंथा को कृषि उत्पाद न मानकर उस पर जी.एस.टी. वसूला जाता हैं। भारत सरकार मैंथा की फसल पर एक शुल्क की व्यवस्था करें, आधुनिक प्रोसेसिंग यूनिट उपलब्ध कराये तथा एम.एस.पी. निर्धारित कर लागत का 1.5 गुना दाम उपलब्ध करायें जिससे बड़ी संख्या में छोटे-मंझले किसानों को राहत प्रदान हो सकें।
उक्त जानकारी राज्यसभा सांसद डाॅ.पी.एल.पुनिया ने सांसद के शून्यकाल के दौरान मैंथा किसानों की समस्याऐं तथा उसकी फसल पर दोहरेकरारोपण को समाप्त करने का मुद्दा उठाते हुए केन्द्र सरकार को दी। मैंथा किसानों की समस्याओं को सदन में उठाते हुए सांसद पुनिया ने कहा कि प्राकृतिक पिपिरमेंण्ट के निर्माण के लिये मैथा का उत्पादन सबसे ज्यादा भारत में किया जाता हैं, लेकिन फिर भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मैंथा उत्पादन में भारत की पहचान नही बन पायी हैं, अकेले भारत देश में विश्व का लगभग 80 प्रतिशत उत्पादन किया जाता हैं। मैंथा की खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में की जाती हैं अकेले बाराबंकी जनपद में करीब 10 अरब रू. का मैंथा का कारोबाद होता हैं जिससे सरकार को 3 से 4 करोड़ रू. सालाना का राजस्व प्राप्त होता हैं लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों की स्थिति में सुधार नही हो रहा हैं। सांसद पुनिया ने सदन में जोरदार शब्दों में कहा कि सरकार द्वारा मैंथा किसानों पर कर वसूलकर दोहरीकरण मार तो दी जा रही हैं लेकिन उनकी सुरक्षा की चिन्ता सरकार को नही हैं, पुरानी प्रोसेसिंग व्यवस्था से कई घातक दुर्घटनाऐं हो रही हैं। किसानों को उनकी उपज के लिये एम.एस.पी. निर्धारित नही हैं इसलिये लागत का 1.5 गुना दाम देने पर विचार नही किया जा रहा हैं जिसके चलते उत्तर प्रदेश का मैंथा किसान कर्ज में डूबता चला जा रहा हैं। किसानों की आत्महत्या करने की खबरें लगातार आ रही हैं। मैंथा किसानों का सदन में पक्ष रखते हुए सांसद पुनिया ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार मैंथा की फसल पर एक शुल्क की व्यवस्था करें, आधुनिक प्रोसेसिंग यूनिट उपलब्ध करायें तथा एम.एस.पी. निर्धारित कर लागत का 1.5 गुना दाम मैंथा किसान को उपलब्ध करायें।
मैंथा के किसानों से सरकार दो जगह कर वसूल कर रही हैं, पहला मैंथा पर मण्डी शुल्क वसूला जाता हैं क्योंकि यह कृषि उत्पाद हैं, दूसरा मैंथा को कृषि उत्पाद न मानकर उस पर जी.एस.टी. वसूला जाता हैं।