महिला चिकित्सालय अव्यवस्थाओं में खुद बीमार प्रसव से लेकर इलाज हर जगह वसूली व रिश्वतखोरी शबाब पर

बाराबंकी। जहां सूबे की योगी सरकार व केंद्र की मोदी सरकार महिलाओं सहित आम लोगों के इलाज में तमाम सहूलतों को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थक रहे। वहीं सरकारी अस्पतालों में ही इलाज मुहैय्या नहीं हो पा रहा और हद तो यह है कि इन अस्पतालों में महिला रोगियों व गर्भवती महिलाओं से चिकित्सीय स्टाफ का व्यवहार भी निम्न कोटि का है। जहां चिकित्सालय में तमाम दवाईयों की आपूर्ति के बाद भी दवाईयों नहीं मिल पातीं व बाहर से लिख दी जाती हैं वहीं महिलाओं की मानें तो प्रसव से लेकर अन्य रोगियों से वसूली का धंधा भी यहां की वरिष्ठ चिकित्सकों की शह पर फल फूल रहा है और लोगों की परेशानियों का सबब बना हुआ है। 
जिला महिला चिकित्सालय सूबे की योगी सरकार भले ही प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को मुफ्त जांच की सुविधा देने का दावा करती हो। लेकिन राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जनपद के जिला महिला अस्पताल में प्रदेश सरकार के इन दावो की हवा निकाली जा रही है। बाराबंकी के जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं से अल्ट्रासाउंड के लिए 100 रुपये और खून की जांच के नाम पर 50 रुपये की वसूली का खेल चल रहा है। महिला अस्पताल में जांच कराने आयी महिलाओ का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारी जांच के लिए सुविधाशुल्क की मांग कर रहे है और न देने पर सुबह से लाइन में लगे होने के बावजूद उनकी जांच से इनकार कर दिया। हालांकि इन गम्भीर आरोपो के बारे में जब बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्रा से बात की गयी तो वो मामले से अनभिज्ञता जताते हुए जांच के लिए पैसा लिए जाने को अनुचित बताते हुए मामले की जांच की बात कह रहे है।