बाराबंकी। तहसील व राजस्वकर्मियों की सुविधा शुल्क को लेकर टालमटोल भला किसे मालूम नहीं है। लेकिन भ्रष्टाचार में डूब रही सरकारी व्यवस्था में बड़ अधिकारियों के भी अब निर्भीक हो शामिल होने से आमजन को परेशानी का अनुभव होने लगा है। वहीं जब टालमटोल में बात उस समय उलटी पड़ गई जब जमानता में भेजे गए सत्यापन करके रामनगर तहसील से समय से नहीं भेजे गए। मामले में न्यायालय ने आदेश की अवमानना मानते हुए तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बताते चलें कि सेामवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी दिनेश पाल यादव ने तहसीलदार रामनगर को कारण बताओं नोटिस जारी कर 25 मई को न्यायालय पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश पारित किया है। जिसमें धोखाधड़ी के मामले में जिला जेल में निरुद्ध थाना मोहम्मदपुर खाला के बाबापुरवा निवासी अभियुक्त धर्मेन्द्र कुमार यादव के जमानतना में सत्यापन के लिए 11 दिसंबर 18 को तहसीलदार रामनगर को भेजे गये थे। सत्यापन न भेजे जाने के कारण अभियुक्त अभी तक जिला कारागार में निरुद्ध है। जिसकी अवैध निरुद्धि के जिम्मेदार तहसीलदार रामनगर हैं। खेद व्यक्त करते हुए न्यायालय ने तहसीलदार को स्पष्टीकरण के लिए न्यायालय पर तलब किया है कि अभियुक्त की अवैध निरुद्धि के संबंध में आपके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही क्यों न की जाये।
टालमटोल पड़ी तहसीलदार रामनगर को मंहगी, कोर्ट ने जारी किया नोटिस