रामसनेहीघाट, बाराबंकी। ''साजन भए कोतवाल अब डर काहे का'' आज के जमाने में कोई अतिश्योक्ति नहीं रह गया। लेकिन जब यही वर्दीधारी कोतवाल, किसी पर रौब गालिब कर वसूली करने, किसी निर्दोष को चोरी के सामान खरीदने के फर्जी आरोप में बाजार से टोंटी खरीदकर बरामद समान में दिखा, निर्दोष को जेल भेजने के बजाए पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता मिशन जैसे मानवीय महान कार्य में स्वयं मार्ग को साफ करते दिखे तो उसके प्रति आदर भाव सहर्ष जाग ही जाता है कि भ्रष्टाचार की बहती गंगा में कोई तो गंगोत्री सा दिखा।
स्वच्छ भारत मिशन को सार्थक करते हुए कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रामसनेहीघाट आलोक मणि त्रिपाठी ने क्षेत्र में सड़क पर कर्तव्य करते हुए सड़क पर बिखरे कूड़ा को अपने साथियों के साथ सड़क से उठाकर किनारे करते हुए लोगों के लिए एक मिसाल पेश किया है और सड़क के किनारे टूटे पड़े ट्यूबलाइट कांच को अपने हाथों से उठाकर सुरक्षित कर दिए। ताकि किसी भी व्यक्ति को अनायास दुर्घटनाग्रस्त न होना पड़े इस कर्तव्य को देखते हुए क्षेत्रवासियों ने प्रभारी निरीक्षक आलोक मणि त्रिपाठी की सराहना किया है।
स्वच्छता मिशन में कोतवाल ने किया लोगों को जागरूक