फाइनेंस कंपनी के वसूली एजेंटों में क्षेत्र के बंटवारे को लेकर रार  कई जिलों में वारदातो को अंजाम देने वाले हिस्ट्रीशीटर भी इसमें शामिल सीओ हैदरगढ़ ने मामले को कराया शांत


हैदरगढ़, बाराबंकी। फायनेंस कंपनी के वसूली एजेंटो की बीती कई दिनों से चली आ रही रार आखिरकार उस वक्त आमने सामने भिड़ंत के रूप में सामने आई जब एक दूसरे के क्षेत्र में दखल को लेकर एक दूसरे पर आपत्ति दर्ज कराई और क्षेत्रीय बंटवारे को लेकर के कहासुनी चरम पर पहुंच गया।
मामला कुछ ऐसा है कि सुप्रीम कोर्ट सहित तमाम अन्य कोर्टो के आदेश को दरकिनार करते हुए विभिन्न फाइनेंस कंपनियों के एजेंट वाहन लोन के पैसे ना चुकाए जाने पर एक बार फिर जबरदस्ती पर उतरने लगे हैं। वसूली के नाम पर फाइनेंस कंपनी ने कई कंपनियों जिनमें हिस्ट्रीशीटर आपराधिक रिकार्ड वाले बतौर वसूली भाई तैनात है, को पैसा वसूली सहित गाड़ी खींचने का जिम्मा सौंपा है। हैदरगढ़ के  भिटरिया रोड पर रेलवे गेट पर, औषनेश्वर रोड, लखनऊ रोड के टोल प्लाजा पर, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड के भिखरा गाँव के पास अलग अलग रास्तों पर अलग-अलग कंपनियों के एजेंट बिना नम्बर की डार्क काली फिल्म चढ़ी अपनी गाड़ियों को कहीं भी लगाकर दिन भर खड़े होकर के वाहनों पर निगाह रखते हैं। लिस्ट में अगर वह वाहन वहां से गुजरे तो पीछा करके गाड़ी खींच लीं जाती रहीं। जिसमें सीधे साधे लोग तो रोगाकर अपना नुकसान सह लेते है लेकिन ऊंची पहुंच वाले लोग कप्तान और बड़े अधिकारियों से दबाव डालकर और सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाइन बता करके कई बार तो गाड़ी छुड़ाने में कामयाब रहे तो वहीं कई ऐसे मामले आए जब इन एजेंटों पर गाड़ी मालिकों द्वारा लूट का मुकदमा तक दर्ज करा दिया गया। लेकिन फिर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर पुलिस प्रशासन की मिलीभगत में माफियाओं का गैरकानूनी तरीके से गाड़ी जबरन खींचने का गोरख धंधा बदस्तूर जारी है। अब धीरे-धीरे कई बार गैरकानूनी कार्यवाही को अंजाम देकर भी कोई कार्यवाही की जगह शासन-प्रशासन के संरक्षण से वसूली दौरान गाड़ी खीचने वाले जरायमपेशा से सफेदपोश बने कई कंपनियों के एजेंट का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि अब उनमे भी आपस में ऐरिए को लेकर वर्चस्व की जंग माफिया पैटर्न पर आरंभ हो चुकी है। यानी नहीं समझे तो मतलब सिडिकेटों का युद्ध। जिसमें एक दूसरे के क्षेत्र में गाड़ी खींचने को लेकर पहले कहा सुनी और अब कई बार मारपीट तक हो चुकी है। जिसके क्रम में मंगलवार को भी आपसी रार उभर कर सामने आई और फिर जमकर मारपीट हुई। लेकिन मामला मारपीट पर भी नहीं संभला तो सिडिंकेट की जंग सुलटाने क्षेत्रीय पुलिस प्रशासन के अधिकारियों समेत सीओ हैदरगढ़ भी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए मामला रफा-दफा करा सुलह करवा दी। 
लोगों का कहना है कि सीओ ने इस बार तो सुलह करवा दी लेकिन अगर प्रशासन ने जल्दी कोई कदम नहीं उठाया तो फाइनेंसर के एजेंटो की गाड़ी रोकने और खिंचने की रार गैंगवार बनकर कानून व्यवस्था को तारतार कर सकती है।