कोठी, बाराबंकी। एक ओर जहां पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वृक्षारोपण कराने के लिए अपना दमखम लगा कर वृक्षों को तैयार करा रहे हैं लेकिन सरकारी कर्मचारी अधिकारी उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए साफ नजर आ रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण कोठी थाना क्षेत्र के हरख रेंज के सदुल्लापुर गाव में देखने को मिला। जहां पर वन विभाग की लापरवाही साफ तरीके से देखी जा सकती है।
कोठी थाना क्षेत्र के सदुल्लापुर गांव के लगभग 2 दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने जिला वनअधिकारी नरेन्द्र कुमार को शिकायती पत्र दे कर मामले को अवगत कराया है। मामले में ग्रामीणों ने दर्शाया है कि सड़क के किनारे लगा हरा-भरा फलदार जामुन के वृक्ष को बन निगम के द्वारा न काटा जाए। दअरसल पूरा मामला कुछ माह पहले का है। जहां पर एक व्यक्ति ने इस जामुन के पेड़ को काटने के लिए मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत कर के पेड़ को काटने की अपील की थी जिस पर वन दरोगा राम सेवक यादव ने मौके पर पहुंचकर बिना जांच-पड़ताल के ही हरे-भरे फलदार वृक्ष को चिन्हित करवाकर बन विभाग को सुपुर्द कर दिया।
जिस पर वन निगम के हरि प्रसाद तिवारी ने मौके पर पहुंचकर हरे-भरे फलदार वृक्ष पर आरा रखने लगे जिस पर करीब 2 दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए काटने से मना करने लगे। हरी प्रसाद तिवारी ने पहले तो ग्रामीणों को धमकी में लिया लेकिन जब क्षेत्रीय पत्रकारों ने मौके पर पहुंचकर मौके का जायजा लिया तो हरी प्रसाद तिवारी साधारण होते हुए बैठ गए।
इसी बीच संवाददाता ने डीएफओ नरेंद्र कुमार सिंह से बात करते हुए पूरा मामला अवगत कराया जिस पर नरेंद्र कुमार सिंह ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन देते हुए हरि प्रसाद तिवारी को मौके से जाने को कहा।
क्षेत्रीय लोग हरियाली पर चल रहे आरे के खिलाफ हुए लामबंद
क्षेत्र के रामप्रकाश विपिन कुमार योगेश कुमार भोला विकास वर्मा मोहम्मद नईम जाहिद अली दीपू वर्मा, पूर्व प्रमुख घिसयावन लाल आदि का कहना है कि इस हरे भरे फलदार वृक्ष को किसी भी हाल में काटने नहीं दिया जाएगा। क्योंकि इस पेड़ के नीचे सैकड़ों ग्रामीण व राहगीर आकर इस तपती गर्मी से निजात पाने के लिए बैठकर विश्राम करते हैं। साथ ही लोग फलदार वृक्ष के फल को उपयोग में लेते हुए फलों का भी आनंद लेते हैं। वहीं के ग्रामीणों का कहना है कि अगर वन निगम व वन विभाग के द्वारा इस पर जबरदस्ती कटवाने की कोशिश की गई तो हम लोग रोड जाम कर धरना प्रदर्शन करेंगे। लेकिन सबसे अहम बात तो यह है कि वन दरोगा रामसेवक यादव ने हरे भरे भारी भरकम फलदार वृक्ष को कैसे चिन्हित करते हुए वन निगम को सुपुर्द किया।
जब इसके बारे में डीएफओ बाराबंकी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगर ऐसा मामला है तो जांच कराकर पेड़ को न काटने से रोका जाएगा
पर्यावरण संरक्षण पर विभागीय मिलीभगत पड़ रही भारी पेड़ों की हरियाली बचाने आगे आए ग्रामीण, बैकफुट पर नजर आया प्रशासन