जिला चिकित्सालय में दलाली, वसूली व लापरवाही चरम पर

बाराबंकी। लोगों की मानें तो जिला चिकित्सालय में हीलाहवाली व लापरवही की सीमा क्रास हो चुकी है। चिकित्सक अपने आराम को छोड़ जल्दी गंभीर रोगियों पर मेहनत तक करना नहीं चाहते। गंभीर रोगी तड़पते रहते हैं और यहां के चिकित्सक गपसड़ाके में मशगूल देखे जा सकते हैं। इससे बुरा हाल तो यहां के जांच विभाग का है न तो यहां पर अल्ट्रा साउण्ड ही सही हो पाता है और न ही एक्सरे ही। खून की जांच में भी गाहे बगाहे बाहर से करवाने का फर्मान सुना दिया जाता है और बताया जाता है कि सरकारी आपूर्ति थर्ड क्लास है इसका कोई भरोसा नहीं। यहीं नहीं गंभीर हालत में तो यह कहने को ट्रामा सेंटर है। अगर आप का कोई सोर्स नहीं है तो इलाज यहां हो ही नहीं सकता, सीधे रेफर। सबसे बड़ी शिकायत तो यहां यह है कि यहां का वरिष्ठ सीएमएस बेअंदाज है न फोन उठाता है और न ही सुनवाई करता है। चाहे मामला मीडिया पर्सन का ही क्यूं न हो। इसके अलावा यहां से नर्सिंग होम में भी लोगों को पढ़ा लिखा बेवकूफ बनाकर भेजने का सिस्टम भी पूर्ण डेवलप है। सरकारी चिकित्सकों से लेकर कर्मचारी तक इसमे खासी दलाली दिन भर मे बटोर लेते हैं और दवाओं में तो जमकर लूट यहां पहले भी पकड़ी जा चुकी है भले ही कोई कार्यवाही अभी तक न हुई हो।