सतरिख बाराबंकी कस्बा स्थित गंगा जमुनी सभ्यता की प्रतीक दरगाह हजरत सैय्यद सालार साहू गाजी (बूढे बाबा) रहमत उल्लाह अलैह की याद में पांच दिवसीय उर्स/मेला 22 मई से बड़े हर्षोल्लास के साथ शुरू हुआ। जिसमें मेले की शुरूआत सुबाह बाद नमाज फर्ज नात शरीफ एवं सलात-ओ-सलाम के नज़राने अकीदतमन्द जायरीनों ने दर्शन के साथ पेश किया और प्रत्यक धर्म एवं समुदाय के लोगों ने अपनी अटूट आस्था प्रकट करते हुये चादर गागर बड़े धूम के साथ पेश करते हुये अपनी मनोकामनाये व्यक्त की और मुल्क-ओ-कौम के अमन चैन की दुआ मांगी हिन्दु भाईयों ने अपने बच्चों के मुण्डन संस्कार करा कर अपनी मन्नतो की पूर्ति की यह सिलसिला दिन भर जारी रहा। इसके अतिरिक्त रोजेदारों ने रोजा अफतार किया और एक दूसरे को प्रसाद स्वरूप मिठाईयों का वितरण किया।
इस अवसर पर दरगाह को दुल्हन की तरह सजाया गया प्रबन्ध कमेटी के सचिव चौधरी कलीम उस्मानी ने बताया की प्रभारी मेला एवं कमेटी की तरफ से जायरीनों का स्वागत किया गया और प्रभारी मेला सरफराज अहमद, फरजान उस्मानी, असगर अली अंसारी, फौजान उस्मानी, जुबेर अहमद, रेहान खां, प्रकाश धानुक, विशम्भर यादव, राम सिंह, भोला यादव आदि एक दर्जन लोगों को जायरीनों की सुचारू व्यवस्था हेतु जिम्मेदारी सौपी गयी है।
हजरत सैय्यद सालार साहू गाजी (बूढे बाबा) रहमत उल्लाह अलैह