जैदपुर बाराबंकी। गम का दिन 28 रजब जब रसूले खुदा स. के नवासे हजरत इमाम
हुसैन अ. का काफिला मदीने से कर्बला की सरजमी के लिए रवाना हुआ था।हजरत
इमाम हुसैन अ. के मदीने से कर्बला सफर करने की याद मे जिले के मशहूर
कस्बा जैदपुर मे आज सफरे इमामे हुसैन की याद मे पूरी अकीदत व एहतराम के
साथ जलूस निकाला गया।इस अवसर पर अजादार काले कपड़े धारण किए हुए या
हुसैन या हुसैन की सदाओ के बीच सीनाजनी व जंजीर का मातम करते हुए अंजुमन
दस्त ए हैदरी के तत्वाधान मे निकले जुलूस मे शामिल थे।इस जुलूस मे
अमारी,झूलाजनाबे अली असगर, जुलजनाह व अलम मौजूद थे।जुलूस से पूर्व
मोहल्ला पचदरी मे स्थित मस्जिद मे मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना जैगम
रिज़वी इलाहाबादी ने कहाकि अल्लाह ने रसूल को सिर्फ मुसलमानों के लिए
रसूल नहीं बना के नहीं भेजा बल्कि पूरी दुनिया के लिए अपना नबी बना के
भेजा था यही वजह है कि अल्लाह ने जहाँ भी तज़किरा किया है पूरी कायनात के
लिए कहा है कि " ऐ रसूल हमने आप को नहीं भेजा मगर आलमीन के लिए रहमत बना
कर " तो जब अल्लाह ने रसूल को किसी एक मसलक या मज़हब से मख़सूस नहीं किया
तो फिर दुनिया मे आज कुछ लोग रसूल को मुसलमानों के नबी क्यों कहते हैं
शायद इसकी वजह इस्लामी तालीमात और कुरान से वाकिफ न होना है, और जिस तरह
रसूल पूरी दुनिया के लिए नबी बनके आए थे उसी तरह नबी के सारे जानशीन पूरी
दुनिया के लिए हादी हैं इसी लिए हुसैन अ.स का ग़म मनाने वाले हर मज़हब
में मिल जाएंगे,इंसानियत के लिए जो पैग़ाम नबी ले कर आए थे उसी को बचाने
के लिए हुसैन इब्ने अली अ.स ने मदीना छोड़ा और अपने वतन को छोड़ते वक़्त
इमाम हुसैन ने अपने सफर के मकसद का एलान भी किया कि हम मुल्क और हुकूमत
के लिए नहीं जा रहे हैं बल्कि अपने नाना की उम्मत की इस्लाह के लिए अपना
वतन छोड़ रहे हैं मेरा इरादा लोगों को अच्छाई की दावत देना और बुराई से
रोकना है।मजलिस के आखिर मे मौलाना ने मदीने से कर्बला की तरफ हिजरत इमाम
हुसैन अ. के मसायब पढ़े जिसे सुनकर उपस्थित मोमिनीन की आंखो मे आंसू आ
गये।मजलिस के फौरन बाद अमारी का जुलूस बरामद हुआ जिसमे
अमारी,झूला,जुलजनाह के आगे मुनादी सदा देते हुए चल रहे थे।जुलूस के दौरान
अंजुमन दस्त ए हैदरी जो इस कार्यक्रम का आयोजन करती है के साहबे ब्याज
मुसव्विर जैदपुरी ने नौहा पढ़ते हुए कहाकि मदीना होता है वीरान जा रहे है
हुसैन, तसव्वुरात मे कर्बल बसा रहे है हुसैन इस नौहे पर अंजुमन के दस्ते
द्वारा सीनाजनी की गयी।इसके बाद अंजुमन के दस्ते मे शामिल बच्चो,नौजवानो
और बुजुर्गों ने जंजीर का मातम करते हुए आगे बढे।जुलूस के दौरान अंजुमन
हाशमिया इलाहाबाद द्वारा भी नौहाख्वानी व सीनाजनी की गयी।यह कदीमी जुलूस
अपनी तयशुदा रास्तो से होता हुआ थाना चौराहा स्थित शबीहे कर्बला पहुंचा
जहा जुलूस की अलविदाई मजलिस को मौलाना हसनैन बाकिरी जौरासी ने खिताब करते
हुए मसायब बयान किये।जुलूस के खत्म होने अंजुमन दस्त ए हैदरी के मेम्बरान
ने आये हुए सभी मोमिनीनो का शुक्रिया अदा किया।
हजरत इमाम हुसैन अ. का काफिला मदीने से कर्बला की सरजमी के लिए रवाना हुआ